क्रिया किसे कहते हैं - परिभाषा, भेद एवं उदाहरण हिंदी व्याकरण
क्रिया वाक्य की वह शब्दांश होती है जो किसी क्रिया या कार्य का बोध कराती है। यह वाक्य में क्रिया के रूप में कार्य को बताती है। क्रिया वाक्य का मुख्य अंग होती है। यह वह शब्द होता है जो किसी कार्य की क्रिया या क्रियाविशेषण को दर्शाता है। क्रिया के बिना कोई वाक्य पूरा नहीं हो सकता।
यह विशेष रूप से उस क्रिया की जड़ होती है जो किसी संवाद, घटना, या स्थिति को व्यक्त करती है। इसलिए, क्रिया वाक्य का महत्वपूर्ण हिस्सा है और हिंदी व्याकरण में इसे महत्वपूर्ण रूप से गहराई से समझा जाता है।
क्रिया किसे कहते हैं | Kriya Kise Kahate Hain
क्रिया का अर्थ है 'काम' या 'कृति'। यह शब्द वह शब्द होता है जो किसी काम को व्यक्त करता है। क्रिया वह शब्द होती है जो किसी क्रिया या कार्य का बोध कराती है। इसे वाक्य का अंग माना जाता है जो किसी कार्य को करने या होने का बोध कराता है।
(Kriya Kise Kahate Hain) क्रिया एक शब्द होता है जो किसी कार्य, संवाद, या स्थिति को व्यक्त करता है। यह किसी की हरकत, स्थिति, या अवस्था को दिखाता है। क्रिया वाक्य का मुख्य अंग होती है और बिना क्रिया के कोई वाक्य पूरा नहीं होता।
क्रिया के भेद (Kriya Ke Bhed)
क्रिया के विभिन्न भेद होते हैं, जिनमें सकारात्मक, नकारात्मक, और संदिग्ध क्रियाएं शामिल होती हैं।
1. सकारात्मक क्रिया
सकारात्मक क्रिया वह क्रिया होती है जो किसी कार्य को करने के लिए किया जाता है। इसमें क्रियाविशेषण की श्रेणी में जोड़ा जा सकता है। उदाहरण के लिए: "राम खेलता है।"
2. नकारात्मक क्रिया
नकारात्मक क्रिया वह क्रिया होती है जो किसी कार्य को न करने के लिए किया जाता है। इसमें 'न' का प्रयोग होता है। उदाहरण के लिए: "वह नहीं खेलता।"
3. संदिग्ध क्रिया
संदिग्ध क्रिया वह क्रिया होती है जिसमें कोई संदेह होता है कि कार्य किया गया है या नहीं। उदाहरण के लिए: "वह अभी भी खेल सकता है।"
क्रिया के उदाहरण
सकारात्मक क्रिया के उदाहरण:
- राम ने खेला।
- सोनिया ने गाना गाया।
- वह बाजार गया।
नकारात्मक क्रिया के उदाहरण:
- राम ने नहीं खेला।
- सोनिया ने नहीं गाना गाया।
- वह बाजार नहीं गया।
संदिग्ध क्रिया के उदाहरण:
- राम ने अभी तक खेलना शुरू नहीं किया।
- सोनिया गाना गाने के लिए तैयार हो सकती है।
- वह बाजार जाने के लिए सोच रहा है।
उदाहरण (Examples)
क्रिया के द्वारा क्रियाएँ के उदाहरण:
- लिखना: मैं किताब लिखता हूँ।
- खाना: वह खाना खाता है।
सत्तावाचक क्रिया के उदाहरण:
- रहना: वह दिल्ली में रहता है।
- होना: यह बहुत मुश्किल होता है।
सहायक क्रिया के उदाहरण:
- है: यह अच्छा है।
- रहना: वह स्कूल जाता रहता है।
पूर्ण क्रिया के उदाहरण:
गया: वह बाजार गया।
आया: वह बहुत खुश आया।
अपूर्ण क्रिया के उदाहरण:
खाकर: वह खाकर बहुत खुश है।
जाने: मैं जाने वाला हूँ।
क्रिया का महत्व (Importance of Verbs)
क्रिया भाषा का एक महत्वपूर्ण अंग है, जो वाक्य को जीवंत और सकारात्मक बनाता है। यह वाक्य को गतिशील बनाने में मदद करता है और संवाद को रूपांतरित करता है।
कर्म के आधार पर क्रिया के भेद
सकर्मक क्रिया: ये क्रियाएँ वहाँ कार्य को करने वाले व्यक्ति द्वारा उद्धृत करती हैं, जैसे "राम ने पुस्तक पढ़ी"। इसमें क्रिया का प्रयोग विशिष्ट वस्तु के संबंध में होता है।
पूर्ण सकर्मक क्रिया: यह क्रिया उस समय होती है जब कार्रवाई पूर्ण रूप से समाप्त होती है, जैसे "मैंने अपने काम को पूरा किया"। इसमें क्रियाकर्ता का सक्रिय भूमिका होती है।
एक कर्मक क्रिया: इसमें क्रिया का प्रभाव केवल एक ही वस्तु पर होता है, जैसे "वह बच्चे को देखता है"।
द्विकर्मक क्रिया: इस प्रकार की क्रिया में क्रियाकर्ता का क्रिया के द्वारा दूसरे के साथ संबंध होता है, जैसे "राम ने लक्ष्मण को देखा"।
अपूर्ण सकर्मक क्रिया: इस प्रकार की क्रिया में क्रियाकर्ता का कार्य पूरा नहीं होता, जैसे "उसने पढ़ाई की"। इसमें क्रियाकर्ता का सक्रिय भूमिका नहीं होती।